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Mar 28 2024, 16:07

तीन महीने पहले बनी सड़क हुई क्षतिग्रस्त
दरभंगा जिला के गौड़ाबौराम प्रखंड में ग्रामीण इलाकों के विकास हेतु बनाये जा रहे सड़क मे बरती जा रही लापरवाही से कई मुख्य सड़क बनने के महज कुछ महीने बाद हीं क्षतिग्रस्त हो रहा है। 17 नंबर को बजरंग चौक से परसरमा होते हुए नदई तक ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा 2,98,57,905 रुपए की लागत से 4 किमी सड़क का निर्माण किया गया। इसमें 1.850 बीटी सड़क एवं 2150 मीटर कंक्रीट सड़क बनाया जाना था।

नदई मे महज तीन महीने बाद पुल के पास बना कंक्रीट सड़़क ध्वस्त होने लगा। जब बात बढ़ी तो इसे किसी तरह फिर से मरम्मती कर मिट्टी डाल दिया गया। यह सड़क निर्माण के समय से ही विवादास्पद रहा है। ग्रामीणों के द्वारा कई बार आंदोलन एवं हाईवे सड़क जाम कर प्रदर्शन करने पर सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया। नीजी जमीन से बिना किसी मुआवजा के दोनों किनारे से 5 से 6 फीट तक मिट्टी जेसीबी मशीन से काटकर सड़क पर डाला गया। आनंद-फानन में बनाए गए इस गुणवत्ताहीन सड़क बनने से ग्रामीणों को कोई शिकायत इसलिए नहीं हुआ क्योंकि वह आजादी के समय से ही सड़क के लिए तरस रहे थे।

कहीं भी सड़क पर बाहर से लाकर मिट्टी नहीं डाला गया मगर जानकारी प्राप्त हुई कि इसके लिए खनन विभाग को भी पैसे दिये गये। सड़क बनने के महज कुछ महीने बाद ही कई जगह से सड़क टूटने लगी। सड़क बनाने में इतनी अनियमिता बढ़ती गई की महज 1 साल बाद ही यह सड़क सैकड़ों जगह क्षतिग्रस्त हो गया। सड़क पर वाहन चलाने वाले कई लोग अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।

इस सड़क का निर्माण अवधि के मुताबिक इसे 4 दिसंबर 2020 से शुरू कर 3 दिसंबर 2021 को समाप्त किया जाना था। कोविड के बढते संक्रमण और इसके बाद मिट्टी भरने के लिये किसानों के मिट्टी काटे जाने के विरोध पर यह कार्य रूक गया। पिछले साल इसे पुरा किया गया और अब यह वाहन चलाये जाने के योग्य हीं नहीं रहा। वहीं, कार्यपालक अभियंता प्रताप पासवान ने बताया कि सड़क यदि क्षतिग्रस्त है तो संवेदक को इसके लिए तुरंत दिशा निर्देश दिया जाएगा।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट

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Mar 28 2024, 16:00

कायस्थ क्लब की ओर से होली मिलन समारोह आयोजित, गीतों पर झूमे लोग
कायस्थ क्लब दरभंगा की ओर से होली मिलन समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित वक्ताओं ने होली के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा की यह भाईचारा व सौहार्द का पर्व है। इस पर्व में लोग भेदभाव भुलाकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं। यह अनेकता में एकता का सन्देश देने वाले रंगों का पर्व है।

कार्यक्रम को पूर्व उप महापौर प्रबोध कुमार सिन्हा, पार्षद नवीन सिन्हा, पूर्व वार्ड पार्षद शशिकांत दत्त, सुजीत मल्लिक, मधुबाला सिन्हा, डॉ संजीव कुमार, डॉ दीपक कुमार, डॉ संजय कुमार, ई दीपक कुमार, ई सुधीर नाथ वर्मा, ई बसंत कुमार श्रीवास्तव, शैलेंद्र कुमार सिन्हा, रमन कुमार सिंहा, अशोक श्रीवास्तव, सुरेंद्र कुमार, नीरज कुमार, जलज कुमार, कामेश चंद्र दास, महेश प्रसाद अधिवक्ता, कुमार विमलेश, मनोज वर्मा, वीरेंद्र श्रीवास्तव, डॉ नवीन कुमार, डॉ कृष्ण गोपाल श्रीवास्तव, किरण सिन्हा, निशा सिन्हा, प्रियंका श्रीवास्तव, मिलन वर्मा, संगीता वर्मा, डॉ निर्मल श्रीवास्तव, नूतन सिन्हा सहित शहर के अधिकतर चित्रांश उपस्थित थे।

इस अवसर पर युवा कलाकार अंश राज के होली गीतों पर लोगों ने खूब झूमा व होली का आनंद लिया।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट

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Mar 28 2024, 11:29

मिथिला विश्वविद्यालय : जल्द सुधार नहीं हुआ तो बंद हो जाएगा संस्थान
दरभंगा एलएनएमयू को नैक मूल्यांकन में भले ही बी प्लस-प्लस ग्रेड मिल गया है। लेकिन इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित संस्थान डब्ल्यूआईटी बदहाली बरकरार है। वुमन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी के संस्थान को तेजी से सुधार की जरूरत है। पहले से ही संसाधन विहीन संस्थान अब छात्रों को आकर्षित करने में विफल हो रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डब्ल्यूआईटी के 3 फैकल्टी में 120 सीटें हैं। लेकिन नामांकन मात्र 48 सीटों पर हुई है। नैक टीम ने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए कई बिंदुओं पर सुधार करने की बात कही थी। लेकिन नैक मूल्यांकन के बाद केवल खानापूर्ति हुई।

डब्ल्यूआईटी में संचालित कोर्स का सिलेबस करीब 10 से 11 साल पुराना पढ़ाया जा रहा है। जबकि टेक्नोलॉजी से संबंधित विषयों के लिए अपडेटेड सिलेबस की जरुरत होती है। शिक्षकों की घोर कमी को दूर करना और आधुनिक लैब की स्थापना किए बिना डब्ल्यूआईटी का अस्तित्व बचाए रखना कठिन हो जाएगा।

3 फैकल्टी में 120 सीट वाले संस्थान में मात्र 48 नामांकन है जबकि 72 सीटें खाली है। नामांकन भी केवल बीटेक इन कंप्यूटर साइंस टेक्नोलॉजी में है। जबकि बीटेक इन इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और बीटेक इन बायो इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में एक भी नामांकन नहीं है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट

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Mar 27 2024, 19:07

पहले ऑटो से टक्कर...फिर कैदी वाहन के नीचे आया, मौत
दरभंगा में सड़क हादसे में एक बाइक सवार युवक बलराम की मौत हो गई। वहीं एक युवक वशीर अहमद गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना शिव शक्ति पेट्रोल पंप के नजदीक की है। घायल शख्स वशीर अहमद ने बताया कि वह दोस्त बलराम के साथ बाइक पर सवार होकर किसी से मुलाकात करने जा रहे थे। इसी दौरान पुलिस के कैदी वाहन ने टक्कर मार दी।

वहीं इस घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि ऑटो से टकराने के बाद दोनों बाइक सवार सड़क पर गिर जाते हैं। इस दौरान दोनों मौके से गुजर रहे कैदी वाहन के नीचे आ जाते हैं। हादसे में एक युवक की मौत हो गई, वहीं दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। ग्रामीणों ने पुलिस पर की रोड़ेबाजी

घटना के बाद गुस्साए ग्रामीण खांटी गांव के पास SH- 56 बिरौल-कुशेश्वरस्थान मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। पुलिस ने आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग नहीं माने। वहीं भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बलप्रयोग भी किया। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया।

फिलहाल मौके पर कई थानों की पुलिस के साथ बिरौल SDPO मनीष चंद्र चौधरी, बेनीपुर SDPO आशुतोष कुमार दल-बल के साथ मौजूद हैं। आक्रोशित ग्रामीण कैदी वाहन से टक्कर मारने वाले शख्स को बुलाने की मांग कर रहे हैं।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट

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Mar 27 2024, 19:03

दरभंगा में गेमचेंजर की भूमिका में हैं ब्राह्मण-मुस्लिम
बिहार का दरभंगा एकमात्र लोकसभा सीट है, जहां 9 बार ब्राह्मण प्रत्याशी सांसद बने हुए हैं। इस सीट पर ब्राह्मण और मुस्लिम का ही वर्चस्व है। यही किसी का खेल बनाते हैं तो बिगाड़ते भी हैं। दरभंगा को ब्राह्मण जाति का गढ़ कहा जाता है। इस बार भी यहां से गोपाल जी ठाकुर को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर शुरुआती दौर से ही ब्राह्मण और मुस्लिम जाति का वर्चस्व रहा है। 1952 से लेकर1980 तक इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार लगातार जीत दर्ज करते रहे। सिर्फ 1977 में कांग्रेस की हार हुई थी। पहली बार दरभंगा में 1999 में कमल खिला था। हालांकि, 2004 में हार हुई। इसके बाद लगातार भाजपा जीत दर्ज कर रही है। फरवरी 1961 से अक्टूबर 1963 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे विवेकानंद झा भी दरभंगा से सांसद रहे हैं। भाजपा से गोपाल जी ठाकुर फिर बन सकते हैं सांसद

दरभंगा लोकसभा के इतिहास में सबसे अधिक वोट से जीतने वाले सांसद भाजपा के गोपाल जी ठाकुर हैं। 2019 में सबसे ज्यादा मतों से इनकी जीत हुई थी। वहीं, दूसरे नंबर पर अब्दुल बारी सिद्धिकी रहे थे। भाजपा की ओर से इस बार भी गोपाल जी ठाकुर को प्रत्याशी बनाया गया है। वे दरभंगा के बेनीपुर विधानसभा से 2010 में भाजपा कोटे से विधायक रह चुके हैं। AIMIM भी उतार रही कैंडिडेट

वहीं, दूसरी ओर महागठबंधन में यह सीट राजद के कोटे में जाना निश्चित है। संभावित उम्मीदवारों में पहला नाम ललित यादव। वे दरभंगा ग्रामीण से विधायक हैं और महागठबंधन की सरकार में मंत्री थे। जबकि, दूसरा नाम राजद के जिला अध्यक्ष उदय शंकर यादव का है। उदय शंकर एमएलसी का चुनाव लड़ चुके हैं। उनकी भी उम्मीदवारी को लेकर चर्चा तेज है। दरभंगा में AIMIM ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। बिहार में 11 सीटों पर AIMIM प्रत्याशी उतार रही है। इसमें दरभंगा भी शामिल है। यहां ब्राह्मण के बाद सबसे ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं। अगर AIMIM अपना उम्मीदवार उतारती है तो मुस्लिम वोट में बिखराव हो सकता है।

जातीय समीकरण को समझिए

इस लोकसभा के राजनीतिक समीकरण को अगर समझे तो यहां सबसे अधिक वोट ब्राह्मण का करीब साढ़े चार लाख है। वहीं, दूसरे नंबर पर मुस्लिम करीब साढ़े तीन लाख है। वहीं, मल्लाह वोटर करीब दो लाख के पास है। वहीं, एससी और एसटी वोटरों की संख्या ढाई लाख से कुछ ज्यादा है। यादव वोटरों की संख्या एक लाख 60 हजार के आसपास हैं।

मछली, मखाना और पग है मीथिला की पहचान

दरभंगा के इतिहास में यहां के महाराज का भी अहम योगदान रहा है। दरभंगा से लेकर पूरे प्रदेश में उन्होंने शिक्षा से लेकर कई जनकल्याण के कार्य किए थे। कई कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, तिरहुत रेलवे, अशोक पेपर मिल की स्थापना कराई थी। एक समय मिथिलांचल का यह क्षेत्र तंत्र साधना के लिए भी विख्यात था। इस तंत्र साधना का प्रतीक है प्रख्यात एवं प्रसिद्ध श्यामा माई मंदिर। पान, मखाना, मछली और आतिथ्य सत्कार के लिए दुनिया में विख्यात है दरभंगा। यहीं से मखाना देश और दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा जाता है।

कीर्ति आजाद ने भाजपा को दिलाई थी एंट्री

भाजपा को दरभंगा में एंट्री दिलाने वाले कीर्ति आजाद रहे हैं। पहली बार 1999 में उन्होंने ही बीजेपी का खाता खुलवाया था। इसके बाद 2004 में हार हुई थी। लेकिन, फिर 2009 और 2014 में उन्‍होंने जीत हासिल की। 2019 में कृति आजाद ने बगावती तेवर अपना लिए थे। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से विवाद होने के बाद भाजपा ने गोपाल जी ठाकुर को कृति आजाद की जगह चुनावी मैदान में उतारा था। यहां दरभंगा के इतिहास में सबसे ज्यादा वोटों से गोपाल जी की जीत हुई ।

1984 में हार के बाद दोबारा नहीं आ सकी कांग्रेस

1952 से लेकर 1962 तक हुए तीन आम चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर श्रीनारायण दास चुनाव चुनाव जीते। इसके बाद 1967 के चुनाव में कांग्रेस की ओर से सत्यनारायण सिन्हा उम्मीदवार बनाए गए। वो चुनाव जीते भी। साथ ही इससे पहले दरभंगा से उमीदवार रहे श्रीनारायण को जयनगर मधुबनी की सीट से उम्मीदवार बनाया गया। वो यहां से चुनाव लड़े और अपने प्रतिद्वंदी सीपीआई के भोगेंद्र झा से हार गए। 1977 में कांग्रेस ने दरभंगा लोग सभा की सीट को गंवा दिया। इसके बाद 1980 में हरी नाथ मिश्रा की जीत के बाद कांग्रेस (आई) वापस आई। लेकिन, 1984 में हार के बाद अब तक कांग्रेस दरभंगा से जीत नहीं पाई है।

दरभंगा लोकसभा में 6 विधानसभा क्षेत्र


दरभंगा संसदीय क्षेत्र के 6 विधानसभा है। दरभंगा संसदीय क्षेत्र में गौड़ाबीराम, बेनीपुर, अलीनगर, ग्रामीण, दरभंगा (शहर) एवं बहादुरपुर विधानसभा क्षेत्र आता है। 5 विधानसभा एनडीए के पास है। इसमें से चार बीजेपी कोटे से, वहीं 1 जेडीयू कोटे के विधायक हैं। एक दरभंगा ग्रामीण राजद के पास है। 2019 के लोकसभा चुनाव में 16 लाख 44 हजार 671 वोटर थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में 17 लाख 74 हजार 656 मतदाता मताधिकार का प्रयोग करेंगे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पुरुष मतदाताओं की संख्या 870601 थी। वहीं, महिला मतदाताओं की संख्या 774045 थी। जबकि, थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 25 थी। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में 933122 पुरुष, 841499 महिला एवं 35 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।

दरभंगा का वैभवशाली इतिहास रहा है

बिहार की सांस्कृतिक राजधानी कही जाने वाली दरभंगा अपने समृद्ध एवं वैभवशाली इतिहास के साथ अपना अलग पहचान रखती है। यह क्षेत्र 16वीं सदी में दरभंगा राज की राजधानी थी। रामायण की महत्‍वपूर्ण घटनाओं का केंद्र माना जाता है। यहां देवी सीता के पिता जनक का राज था। बाद में मगध, शुंग, कण्व और गुप्त, मुसलमान शासक ने राज किया। इस क्षेत्र में ही कुमारिल भट्ट, मंडन मिश्र, गदाधर पंडित, शंकर, वाचास्पति मिश्र, विद्यापति, नागार्जुन जैसे महान विद्वानों ने अपना लेखनस्‍थली बनाया।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट

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Mar 27 2024, 18:53

ऐसा रास्ता जिससे सिर्फ 5 महीने ही होता है आवागमन‌
दशकों पहले बना एक पुलिया आज अपनी उपयोगिता के लिए सड़क ढूंढ रहा है। इस पुलिया के एक तरफ तो जोड़ने की सड़क है। लेकिन दूसरी ओर कोई सड़क नहीं है। ये पुलिया इस इलाके के लिए लाइफ लाइन है। इसकी इस दुर्दशा की वजह से लाखों की आबादी प्रभावित है। साथ ही हल्की भी बारिश में यहां की स्थिति नर्क हो जाती है। लेकिन इसके समाधान की ओर किसी का कोई ध्यान नहीं है। जानकारी हो कि ये पुलिया दरभंगा जिला के बिरौल अनुमंडल अन्तर्गत नगर पंचायत बिरौल जो पहले अफजला पंचायत हुआ करता था। उसकी तस्वीर है। उस समय के तत्कालीन गौरा बौराम विधानसभा के विधायक इजहार अहमद ने अपने ऐच्छिक कोष से इस पुलिया का निर्माण करवाया था। ताकि मुख्य बाजार के पुल घाट पर घंटों लगने वाले जाम से निजात मिल सके। SH-56 से महज 200 मीटर की दूरी पर बना ये पुलिया अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। धीरे-धीरे इसकी स्थिति जर्जर होती जा रही है।

जानकारी हो की इसके ठीक सामने से कई लोगों की निजी जमीन है। बिना जमीन के अधिग्रहण किए बिना पुलिया का निर्माण करा दिया गया। इसके बाद लोगों ने अपने-अपने जमीन की घेराबंदी कर ली। पुलिया से परिचालन पूर्ण रूप से बंद हो गया।

इसके बाद नए-नए राजनीति में उतरे वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने तत्काल अपने निजी पैत्रिक जमीन से होकर रास्ता मुहैया करवाया। खेत से होकर बने इस कच्ची सड़क से होकर साल में महज 4 से 5 महीना ही आवागमन होता है। बाद में बारिश और बाढ़ के पानी से आवागमन पूरी तरह बंद हो जाता है। वीआइपी सुप्रीमो मुकेश सहनी का घर भी इसी सड़क के किनारे है। अक्सर वो अपने घर आने के लिए इस सड़क का उपयोग करते हैं।

बावजूद इसके आज तक इसका कोई समाधान नहीं निकला। स्थानीय लोगों में प्रभात सहनी, मत्स्य जीवी सहयोग समिति के मंत्री फूलो सहनी का कहना है कि अगर यहां सड़क की समुचित व्यवस्था हो जाती है तो व्यापार सहित आने जाने वाले लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी। इस क्षेत्र का विकास हो पाएगा।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट

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Mar 26 2024, 18:38

निर्माण के 30 साल पूरे...प्रखंड को नहीं मिला अपना भवन
गौड़ाबौराम प्रखंड मुख्यालय का अपने प्रखंड क्षेत्र में संचालन हो इसके लिए कई साल से जद्दोजहद चल रहा है। लेकिन इसका निराकरण आज तक नहीं हुआ है। कई बार इसको लेकर जिला से लेकर प्रखंड के अधिकारियों के साथ हुए इस बैठक में फिर से कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। जानकारी के मुताबिक बैठक में न्यायालय के निर्णय के साथ पहुंचे पक्ष को 4 महीने में भूमि अधिग्रहण का कार्य समाप्त करने और मुख्यालय के स्थाई भवन बनने के बाद बौराम में संचालित करने का निर्णय सुनाया गया। लेकिन अभी तक इस पर कोई पहल नहीं दिखाई दे रही है। 22 सितंबर 1994 को ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर घनश्यामपुर और बिरौल से 13 पंचायत को अलग कर गौड़ाबौराम प्रखंड बनाया गया। स्थापना के 29 साल बाद भी प्रखंड मुख्यालय का संचालन प्लस टू ओमकार उच्च विद्यालय के हरिजन छात्रावास में किया जा रहा है।

बहुत सीमित स्थान होने के कारण प्रखंड से जुड़े कई कार्यालय अलग-अलग स्थानों पर चलाए जा रहे हैं। बाल विकास परियोजना का कार्यालय बिरौल के डुमरी जीरो माईल में स्थित एक नीजि मकान में चलाया जा रहा है। वहीं एमओ, बीएओ, बीसीओ जैसे अधिकारी का कहीं कार्यालय कहां यह आज तक किसी को नहीं पता। राह चलते हुए कहीं मिल गए तो ठीक वरना ढूंढना मुश्किल।

इस तरह सुविधाजनक माहौल में रहकर आम लोगों के दुखदर्द से मतलब नहीं रखने वाले अधिकारी भी चाहते हैं कि स्थिति यथावत रहे। जीर्णशीर्ण हो चुके हरिजन छात्रावास में 9 कमरा है। 1 कमरा अंचल गार्ड के आवास में तब्दील है। इस तरह महज 8 कमरे में प्रखंड मुख्यालय को सहजता से चलाया जा रहा है। कई साल से बौराम के पूर्व मुखिया मोतीऊर रहमान अधिसूचना के आधार पर मुख्यालय को बौराम में चलाने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है। साल 2020 में प्रखंड मुख्यालय भवन के निर्माण के लिए अधिकारियों ने सजगता दिखाई लेकिन जमीन अधिग्रहण के दौरान मूल्यांकन का मामला फंस गया। इसके बाद यह मामला फिर से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

अधिकारियों द्वारा कभी भी यह प्रयास नहीं किया गया कि वर्तमान में संचालित होने वाले स्थान से बेहतर अगर प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत कोई अन्य भवन है तो उसमें प्रखंड मुख्यालय का संचालन किया जाए। वर्तमान में भी प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत कन्हई पंचायत सरकार भवन पर प्रखंड मुख्यालय का संचालन किया जा सकता है जो कि बौराम से महज 1 किमी पश्चिम है। अगर छात्रावास में ही चलाया जाना है तो इस कच्चे और जर्जर हो चुके हरिजन छात्रावास से बेहतर बौराम में अल्पसंख्यक छात्रावास है।

कोठराम उवि छात्रावास जैसा खाली परा हुआ भवन मौजूद है मगर अफसरशाही माहौल में अधिकारियों के हितों को देखते हुए प्रखंड मुख्यालय बिरौल के उस कच्चे भवन में चलाया जा रहा है जहां कभी भी प्रखंड और अंचल का सारा रिकॉर्ड नष्ट हो सकता है। मकान कभी भी ध्वस्त हो सकता है और बारिश के पानी से एक भी कमरा सुरक्षित नहीं है।

प्रखंड मुख्यालय के कर्मी सगुनी पासवान ने बताया की ओमकार उच्च विद्यालय के छात्रावास में प्रखंड और आंचल दोनों कार्यालय संचालित हो रहा है। स्थिति तो जर्जर बनी हुई है। भवन बनना चाहिए लेकिन एक गौरबौरम में ऐसा प्रखंड है जिसके पास अभी तक कोई भवन नहीं है और आश्चर्य की बात यह है कि यह विधानसभा भी है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट

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Mar 25 2024, 19:00

द पाठशाला के बच्चों ने मारी बाजी
दरभंगा के प्रखंड में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी द पाठशाला के 12 वीं के बच्चों का रिजल्ट आनंदपुर में सर्वश्रेष्ठ रहा। इस दौरान रिजल्ट प्रशासन में मो. साहिल 416 एवं रिया कुमारी ने 401 अंको के साथ बेहतर प्रदर्शन में रही। वहीं, इसी तरह गुरुचरण 390, पप्पू-385, आदित्य कुमार 375, अजित कुमार 355, ज्योति कुमारी, अंजली कुमारी, आजाद कुमार गोपी के साथ इस प्रकार कई अन्य बच्चों ने प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हो कर अपने माता पिता के साथ साथ अपने गुरुजन का भी नाम ऊंचा किया।

इस दौरान द पाठशाला के निर्देशक अभिषेक कुमार का कहना था कि इन रिजल्ट के भागीदार बच्चों की खुद की कठिन परिश्रम तथा माता पिता का साथ होता है।

इसके साथ साथ उनके गुरुजनों के बताएं गए मार्ग एवं निर्देशन की भूमिका भी आवश्यक होती है। बच्चों को रिजल्ट के अंक को ध्यान में न रखकर आगे बढ़ने की आवश्यकता जब तक वो जीवन में कामयाब न हो जाए।

उनका कहना था कि बच्चों को शिक्षा के महत्व को समझना चाहिए और अपने जीवन में इसे उपयोग में लाने का प्रयास करना चाहिए।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट

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Mar 25 2024, 18:57

सोन चिड़ैया के कवि रेवती रमण पाठक नगर हुड़ार से सम्मानित
समाहार साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था की ओर से पच्चीसवां हुड़ार महोत्सव का आयोजन राघवश्री" मुहल्ला-जुरावन सिह, दरभंगा में अखिलेश कुमार चौधरी की अध्यक्षता में किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आशुतोष द्विवेदी एवं विशिष्ट अतिथि नगर निगम पार्षद सोनी देवी एवं मंचस्थ अतिथि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। प्रथम सत्र में कार्यक्रम के संयोजक कामेश्वर कुमार ओझा ने अतिथियों का स्वागत किया। मंच के सचिव अमिताभ कुमार सिन्हा ने अध्यक्ष सह सभा में उपस्थित सदस्यों के बीच नगर हुड़ार के लिए रेवती रमण पाठक के नाम की घोषणा की।

निवर्तमान नगर हुड़ार हीरा लाल सहनी ने रेवती रमण पाठक को पादुका सम्मान से सम्मानित किया। इस अवसर मुख्य अतिथि आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि होली हमारी सांस्कृतिक एकता का महापर्व है।

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार अमरेश्वरी चरण सिन्हा ने कहा कि होलिकादहन का सनातन संस्कृति में विशेष महत्व है। इसी को ध्यान में रखकर प्रेम के इस पर्व को हुड़ार महोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट

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Mar 25 2024, 18:55

शांतिपूर्ण होली मनाने के लिए 483 स्थलों पर दंडाधिकारी और बल प्रतिनियुक्त, नियंत्रण कक्ष का नंबर- 06272-240600
रविवार की रात होलिका दहन, 25 एवं 26 मार्च को होली पर्व मनाया जाएगा। विधि-व्यवस्था के मद्देनजर पुलिसिंग की विशेष व्यवस्था के बीच चौकसी के लिए दंडाधिकारियों के साथ पुलिस बल की तैनाती के साथ फ्लैग मार्च एवं चेकिंग अभियान को असरदार रूप से करने का निर्देश डीएम राजीव रौशन और एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जला रेड्डी ने दिया है। किसी भी स्थिति से निबटने के लिए क्यूआरटी की टीम को लगाने के साथ ही अर्धसैनिक बल को लगाया गया है।


वहीं, दूसरी ओर से डीएम एवं एसएसपी द्वारा जिला संयुक्त आदेश जारी किया गया है। त्योहार को लेकर 483 स्थलों पर दण्डाधिकारी पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई है। दूसरे दिन कुछ स्थलों पर परम्परागत झुमटा, बसिऔरा जुलूस निकाले जाने की परम्परा रही है। इस वर्ष होली पर्व 25 एवं 26 मार्च को मनाया जाएगा। दोनों संप्रदाय की मिली-जुली आबादी को ध्यान में रखते हुए इस त्योहार के अवसर पर कड़ी निगरानी एवं सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

लोकसभा आम निर्वाचन 2024 की घोषणा हो चुकी है। उक्त अवसर पर जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने इत्यादि के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। रमजान का महीना चल रहा है, मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखे हुए हैं, प्रत्येक शुक्रवार को रोजा के दिन मस्जिदों में सामूहिक नमाज अदा की जाती है। अंतिम शुक्रवार को अलविदा होने के कारण मस्जिदों के अतिरिक्त कहीं-कहीं सार्वजनिक स्थलों पर सामूहिक नवाज अदा की जाती है, ऐसी स्थिति में खासकर नमाज एवं इफ्तार के समय सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।


ट्रैफिक इंचार्ज व्यवस्था दुरुस्त करना सुनिश्चित करेंगे ट्रैफिक इंचार्ज को निर्देश दिया है कि शहरी क्षेत्र में होली पर सभी चौक-चौराहों एवं भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस को प्रतिनियुक्त करेंगे। ट्रैफिक एवं विधि व्यवस्था का संधारण करेंगे। भ्रमणशील रहते हुए यातायात व्यवस्था संचालित कराने के लिए कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे। विशेष सतर्कता बरतते हुए निगरानी सुनिश्चित करेंगे सभी एसडीओ, एसडीपीओ को निर्देशित किया गया है कि शांति समिति के सदस्यों से समन्वय स्थापित कर भीड़ की गतिविधि क्रियाकलाप पर निगरानी रखने के लिए संवेदनशील चौक-चौराहों पर सीसीटीवी, वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी की व्यवस्था करना सुनिश्चित करेंगे।

वायरलेस और कंट्रोल रूम 24 घंटे चालू रखने का निर्देश होली के अवसर पर 24 मार्च से 26 मार्च तक जिला नियंत्रण कक्ष कार्यरत रहेगा। जिसका दूरभाष संख्या 06272-240600 है। जिला नियंत्रण कक्ष के वरीय प्रभार में चित्रगुप्त कुमार डीडीसी, दरभंगा मोबाइल नम्बर 9431818365 रहेंगे। जिले का वितंतु सेट 24 से 26 मार्च तक खुला रहेगा। अग्निशमन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि वह होली पर अग्निशमन दस्ता की एक टुकड़ी को जिला नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त करना सुनिश्चित करेंगे।

दरभंगा से आरफा प्रवीन की रिपोर्ट